Saturday, 20 March 2021

हर्डल रेस : नियम और स्टेप्स

             हर्डल रेस (hurdel race):


                                                                                                       इस प्रकार की दौड़ में पुरुष तथा महिला, दोनों ही लिंग के एथलीट भाग लेते हैं। पुरषों के लिए 110 मी.
तथा 400 मी. की दूरी वाली दौड़ को आयोजित किया जाता है जबकि महिलाओं के लिए इनकी दूरी 100 मी.  होती है। इस प्रकार की दौड़ में धावक को कुछ विशेष प्रकार से निर्मित बाधाओं को पार करते हुए कम से कम समय में निर्धारित दूरी को तय करना होता है।  इस प्रकार की दौड़ें लेनों में आयोजित की जाती है और प्रत्येक लेन में कुल दस बाधाएं होती है। जो खिलाड़ी सभी बाधाओं को भले प्रकार से पार करता हुआ सबसे कम समय में निश्चित दूरी को पार करता है , उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है। 

हर्डल रेस के नियम :

                               100 मी. वाली दौड़ में प्रारंभिक रेखा तथा पहली बढ़ा
के बीच 13.72 मी. की दूरी होनी चाहिए।  विभिन्न बाधाओं को इस प्रकार से स्थित किया जाना चाहिए कि उनके बीच 9.14 मी. की दूरी रहे। 
इसी प्रकार अंतिम बाधा तथा समापन सीखा के बीच कम से क, 14.02 मी. की दूरी होनी चाहिए। 400 मी. वाली दौड़ में प्रारंभिक रेखा तथा पहली बाधा में पाई जाने वाली दूरी 45 मी. होनी चाहिए।  विभिन्न बाधाओं के मध्य 35 मी. की दूरी होनी चाहिए जबकि अंतिम बाधा तथा समापन सीखा के बीच कम से कम 35 मी. की दूरी होनी चाहिए।
इसी प्रकार 100 मी. की दौड़ों में प्रारंभिक रेखा तथा प्रथम बाधा के बीच 13 मी. की दूरी होनी चाहिए। विभिन्न बाधाओं के बाध्य में 8.5 मी. की दूरी होनी चाहिए जबकि अंतिम बाधा तथा समापन सीखा के मध्य 10.5 मी. की दूरी पाई जानी चाहिए। 400 मी. की दौड़ों में प्रारंभिक रेखा तथा प्रथम बाधा के बाध्य 45 मी. की दूरी होनी चाहिए ,विभिन्न बाधाओं के मध्य कम से कम 35 मी. की दूरी तथा अंतिम बाधा एवं समापन रेखा के मध्यम में पाई जाने वाली दूरी का माप 40 मी. होनी चाहिए। 
सभी बाधाओं को ट्रैक पर इस प्रकार से स्थापित किया जाना चाहिए जिससे इसका अधोभाग उस दिशा की तरफ हो जहाँ से धावक दौड़ कर आएंगे। बाधाओं को इस प्रकार से स्थित किया जाना चाहिए जिससे इसके बॉर का किनारा पथ में रहे। 

हर्डल की संरचना : 

                             लकड़ी या अन्य किसी कठोर धातु से निर्मित बाधा को
प्रयोग किया जा सकता है। यह इस प्रकार से निर्मित होनी चाहिए कि इसके दो आधार को डंडे आयताकार चौखटे को टिकाएं रखने के लिए सहायता प्रदान करें तथा यह एक या अधिक क्रॉस बॉर के साथ जुड़े होने चाहिए। प्रत्येक आधार के अंतिम छोरों पर डंडे लगे होने चाहिए। 

यह बाधाएं इतनी मजबूत होनी चाहिए कि यह उस समय तक अपने स्थान से न हिले जब तक क्रॉसबार के ऊपरी किनारे के केंद्र में 3.6 ज=किलोग्राम के वेग से धक्का न लग जाय। सभी प्रत्योगिताओं में ऐसी बड़ों को प्रयोग किया जाना चाहिए जिनमे आवश्यकता पड़ने पर परिवर्तन किया जा सकें। 
 नियमो में इस तथ्य की पुष्टि की गई है कि कितनी लम्बी दौड़ में कितनी ऊंचाई वाली बाधा को प्रयोग किया जाना चाहिए , जिसका वर्णन इस प्रकार है :-
    100 मी. की पुरुष दौड़ में 1.067 मी. ऊँची बाधा को प्रयोग किया जाना चाहिए जबकि इसी लम्बाई को बालको की दौड़ों में 0.914 मी. ऊँची बाधा को प्रयोग किया जाना चाहिए। 400 मी. पुरुष दौड़ में 0.914 मी. ऊँची बाधा को प्रयोग किया जाना चाहिए जबकि समान दूरी दौड़ जिसमे बालक भाग लेते हैं , उसमे  बाधाओं को ऊंचाई 0.840 मी. ऊँची होनी चाहिए। इसी प्रकार 110 मी. महिला एथलीटों के लिए आयोजित की जाने वाली दौड़ों में बाधाओं की ऊंचाई 0.840 मी. होनी चाहिए जबकि समान दूरी वाली दौड़ जिसमे बालिकाएं भाग लेती हैं , उसमे बाधाओं की ऊँचाई 0.762 मी. होनी चाहिए। 400 मी. महिला की एथलीट दौड़ में 0.762 मी. ऊँची बाधाओं का प्रयोग किया जाना चाहिए जबकि बालिकाओं के लिए समान दूरी की दौड़ों में 0.762 मी. ऊँची बाधाओं का प्रयोग किया जाना चाहिए। 
इसी प्रकार बाधाएं कम से कम 1.18 मी. चौड़ी होनी चाहिए परन्तु उनकी चौड़ाई 1.20 मी. से अधिक नहीं होनी चाहिए। बाधा का आधार 70 से.मी. से अधिक लम्बी नहीं होनी चाहिए। बाधा का वजन कम से कम 10 किलोग्राम होनी चाहिए। यदि किसी कारणवश उपरोक्त वर्णित माप की बाधाओं को व्यवस्था न की जा सकें तो ऐसी स्थिति में ऐसी बाधाओं का प्रयोग किया जा सकता है जिसकी ऊंचाई 3 मि.मी. तक कम अथवा अधिक हो। 
बाधाओं के ऊपरी बॉर कम से कम 7 से.मी. ऊँचे, 1 से.मी. मोटे होने चाहिए। इनकी अधिकतम मोटाई 2.5 से.मी. तक हो सकती है। इसकी ऊपरी
किनारा गोलकार होना चाहिए। बहरी किनारों के साथ बॉर मजबूती के साथ जुड़ा होना चाहिए। ऊपरी बॉर पर कोसी भी विशेष रंगो को सहायता से धारियों को अंकित किया जाना चाहिए तथा इन धाराओं को एक-एक लेन प्रदान की जनि चाहिए तथा वह इनके बाहर नहीं जा सकते। 
एक  स्थिति में प्रतियोगिता में भाग लेने लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है जब निर्णेता के अनुसार उसने जानबूझकर बाधा को अपने शरीर के किसीकांग की सहायता से गिराया हो। परन्तु यदि बाधा अनजाने में गिर जाती है तो इस स्थिति में उसे प्रतियोगितया से बाहर नहीं निकाला जा सकता तथा वह भी अन्य धावकों के अनुसार कीर्तिमा रिकॉर्ड बनाने के लिए पूर्ण रूप से स्वतन्त्र होता है                            



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